Reiki


     डॉ. मिकाओ उसुई ( रेकी के जनक)

रेकी हीलिंग क्या है -

रेकी एक जापानी भाषा का शब्द है जो रे और की से मिलकर बना है। रे का अर्थ है सर्वव्यापी और की का अर्थ है जीवनशक्ति। इस प्रकार  रेकी का शाब्दिक अर्थ सर्वव्यापक जीवनशक्ति है। रेकी को प्राणशक्ति या संजीवनी शक्ति के नाम से भी संबोधित किया जाता है।
रेकी एक साधारण विधि है, लेकिन इसे पारंपरिक तौर पर नहीं सिखाया जा सकता।  रेकी मास्टर के द्वारा ही इस पद्धति को पूर्ण तरीके से सीखा जाता है। इसे आध्यात्म आधारित अभ्यास के रूप में भी जाना जाता है।
रेकी एक आध्यात्मिक अभ्यास पद्धति है। जिसका विकास 1922 में मिकाओ उसुई ने किया था। यह एक उपचार संबंधी जापानी विधि है। मान्यता अनुसार रेकी का असली उदगम स्थल भारत है।

सहस्रों वर्ष पूर्व भारत में स्पर्श चिकित्सा का ज्ञान था। अथर्ववेद में इसके प्रमाण पाए गए हैं। यह विद्या गुरु-शिष्य परंपरा के रुप में विद्यमान थी। इस उपचार पद्धति का लिखित प्रमाण उपलब्ध ना  होने के कारण धीरे-धीरे इसका लोप हो गया। ढाई हजार वर्ष पहले बुद्ध ने ये विद्या अपने शिष्यों को सिखाई जिससे देशाटन के समय जंगलों में घूमते हुए उन्हें चिकित्सा सुविधा का अभाव न हो और वे अपना उपचार कर सकें। भगवान बुद्ध की 'कमल सूत्र' नामक किताब में इसका कुछ वर्णन है। यहाँ से यह भिक्षुओं के साथ तिब्बत और चीन होती हुई जापान तक पहुँची है। जापान में इसे पुनः खोजने का काम डॉक्टर मिकाओ उसुई ने अपने जीवनकाल ने किया। अंत में उनको सफलता भी प्राप्त हुई। 







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